वशीकरण मंत्र किसे चाहिए OPTIONS

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इस साधना का कोई विधान नहीं है बल्कि इसे पूजा पाठ में शामिल किया जाता है.

तुलसी बीजों को सहदेई के रस में पीस करके उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके तिलक लगाने से समस्त लोग सम्मोहित होते हैं।

विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

जिसकी भी नजर तिलक पर जाएगी वो मोहन मंत्र के प्रभाव में आ जायेगा. उसके साथ सही आचरण और व्यवहार रखे जिससे की आपका यश लोगो में बढे.

इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।

बिजनेस में सफलता और नए अवसर प्राप्त करने के लिए।

कामरूदेस कामाख्या देवी जहाँ बसे इस्माइल जोगी इस्माइल जोगी ने दिया पान का बीड़ा, पहला बीड़ा आती जाती, दूजा बीड़ा दिखावें छाती, तीजा बीड़ा अंग लिपटाई, फलानी खाय पास चली आई, दुहाई श्री गुरू गोरखनाथ की।

हालाँकि मोहिनी मंत्र वशीकरण साधना कोई स्थायी साधना नहीं है क्यों की वशीकरण की तरह इसमें हम अपने आकर्षण को बढाते है जिसकी वजह से सामने वाला मोहित होता है.

तीन दिन के बाद जाप समाप्त होने पर नारियल किसी नदी में ससम्मान प्रवाहित कर दें

इसे आप एक व्यक्ति, एक ग्रुप या समुदाय विशेष तक सिमित कर सकते है.

वशीकरण मंत्रों के प्रभाव के बारे में विज्ञानिक संदर्भ और सटीक आधार अभी तक नहीं हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आध्यात्मिक और अज्ञात शक्तियों का प्रभाव हो सकता है। यदि हम विज्ञानी तत्वों से इसे देखें, तो वशीकरण मंत्रों के पीछे की वास्तविकता का विज्ञान अभी तक साबित नहीं किया गया है। click here हालांकि, कई लोग अपने अनुभवों के आधार पर इन मंत्रों को सचमुच कारगर मानते हैं और इनका उपयोग करके समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करते हैं।

वशीकरण मंत्र और इसके प्रभाव के बारे में विज्ञानी और आध्यात्मिक दो अलग-अलग मत हैं। विज्ञान के माध्यम से इसका समाधान अभी तक नहीं मिला है। वहीं, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इन मंत्रों का प्रभाव सत्य माना जाता है।

शुद्ध इरादे: वशीकरण करने वाले व्यक्ति के इरादे सकारात्मक और ईमानदार होने चाहिए।

पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।

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